राजा सलीहा पासी और संडीला साम्राज्य 1270 -1307
भारत में मुसलमानों के साम्राज्य विस्तार के इतिहास को पढ़ने पर या ज्ञात होता है कि पासी वंशजों का अवध प्रांत के विभिन्न क्षेत्रों में अधिपत्य था और इन्हीं राज्यों में विशाल पासी राज्य संडीला संडीला को बरसाने वाली राजा सलीहा पासी दो भाई थे क्रमशः सलीहा पासी और मलीहा पासी राजा सलीहा पासी ने सलीहा पुरवा बसाया ,जो बाद में संडीला के रूप से विकसित हो गया उनके भाई मलीहा पासी मलीहा पुरवा बसाया जो बाद में मलिहाबाद के नाम से जाना जाता है राजा मलीहा पासी राजा कंस के वंशजों के रूप में में जाने जाते है जिनका हारदोई संडीला में राज्य था ,
श्री योगेश प्रवीन अपनी किताब में जिक्र करते हैं कि राजा सलीहा मलीहा पासी राजपासी राजा कंस के दो बेटे थे
बात 12 वी से 13वी सदी की है जब दिल्ली पर तुर्को का कब्जा हो गया और वो अब अवध ज तरफ बढ़ने लगे थे जहाँ पासियो के स्वतंत्र राज्य थे कई जंगो में तुर्क हारने के बाद सही मौके को तलाश करने लगे पासियो ने अपनी खोई हुवी शक्ति को पुनर्जीवित कर एक बड़ी बलशाली सेना इक्कट्ठा कर ली राजा सलीहा पासी एक कुशल युद्धों के जानकर थे उन्होंने दिल्ली की सेनाओ से युद्ध करके कई बार पराजित किया ,जिससे अलाउद्दीन खिलजी आगबबूला हो गया और एक बहुत बडी सेना और कई सेनापतियो को बड़ी लश्कर के साथ युद्ध करने भेजा अलाउद्दीन खिलजी का राज्य काल 1296 से 1316 तक माना गया है ,और इस प्रकार उपलब्ध दस्तावेजो के अनुसार अलाउद्दीन ख़िलजी ने संडीला को पासियो से जीता था ,जिससे यह मालूम होता है कि पासियो का शासन अलाउद्दीन खिलजी के समय काल में भी संडीला पर बना रहा किउंकि अवध में पासियो का गढ़ माना गया है औऱ अवध में पासियो के अनेक ऐसे राजा हुवे जिन्होंने इस देश धर्म की रक्षा में सबकुछ बलिदान कर डाला और इनका नाम लेने वाला कोई नही इसलये ऐसे महान राजा के चरणों मे कोटि कोटि नमन राजा सलीहा पासी पूरे देश के गौरव है
भारत में मुसलमानों के साम्राज्य विस्तार के इतिहास को पढ़ने पर या ज्ञात होता है कि पासी वंशजों का अवध प्रांत के विभिन्न क्षेत्रों में अधिपत्य था और इन्हीं राज्यों में विशाल पासी राज्य संडीला संडीला को बरसाने वाली राजा सलीहा पासी दो भाई थे क्रमशः सलीहा पासी और मलीहा पासी राजा सलीहा पासी ने सलीहा पुरवा बसाया ,जो बाद में संडीला के रूप से विकसित हो गया उनके भाई मलीहा पासी मलीहा पुरवा बसाया जो बाद में मलिहाबाद के नाम से जाना जाता है राजा मलीहा पासी राजा कंस के वंशजों के रूप में में जाने जाते है जिनका हारदोई संडीला में राज्य था ,
श्री योगेश प्रवीन अपनी किताब में जिक्र करते हैं कि राजा सलीहा मलीहा पासी राजपासी राजा कंस के दो बेटे थे
बात 12 वी से 13वी सदी की है जब दिल्ली पर तुर्को का कब्जा हो गया और वो अब अवध ज तरफ बढ़ने लगे थे जहाँ पासियो के स्वतंत्र राज्य थे कई जंगो में तुर्क हारने के बाद सही मौके को तलाश करने लगे पासियो ने अपनी खोई हुवी शक्ति को पुनर्जीवित कर एक बड़ी बलशाली सेना इक्कट्ठा कर ली राजा सलीहा पासी एक कुशल युद्धों के जानकर थे उन्होंने दिल्ली की सेनाओ से युद्ध करके कई बार पराजित किया ,जिससे अलाउद्दीन खिलजी आगबबूला हो गया और एक बहुत बडी सेना और कई सेनापतियो को बड़ी लश्कर के साथ युद्ध करने भेजा अलाउद्दीन खिलजी का राज्य काल 1296 से 1316 तक माना गया है ,और इस प्रकार उपलब्ध दस्तावेजो के अनुसार अलाउद्दीन ख़िलजी ने संडीला को पासियो से जीता था ,जिससे यह मालूम होता है कि पासियो का शासन अलाउद्दीन खिलजी के समय काल में भी संडीला पर बना रहा किउंकि अवध में पासियो का गढ़ माना गया है औऱ अवध में पासियो के अनेक ऐसे राजा हुवे जिन्होंने इस देश धर्म की रक्षा में सबकुछ बलिदान कर डाला और इनका नाम लेने वाला कोई नही इसलये ऐसे महान राजा के चरणों मे कोटि कोटि नमन राजा सलीहा पासी पूरे देश के गौरव है
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Jai maharaja saliha pasi ji ki
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